Narayana Murthy Success Story in Hindi
Narayana Murthy Success Story: आपने अक्सर ऐसे लोगों की कहानी तो सुनी ही होगी, जिन्होंने गरीबी से अमीरी तक का सफर तय किया है। बहुत बिजनेसमैन हमारे भारत के ऐसे हैं, जो गरीब परिवार से थे लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से आज जो मुकाम हासिल किया है, वह सच में काबिले तारीफ है। नारायण मूर्ति जो कि भारत की टॉप आईटी कंपनी इंफोसिस के मालिक हैं इन्होंने कभी अपना जीवन गरीबी में बिताया है।
यह टॉयलेट भी साफ किया करते थे। लेकिन आज यह 69000 करोड़ की कंपनी के मालिक है। जब मेहनत आपका जुनून बन जाए, तो आपको कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता। नारायण मूर्ति इस कहावत पर बिल्कुल खरे उतरे हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से इंफोसिस के मालिक नारायण मूर्ति की कामयाबी की पूरी कहानी बताने वाले हैं। यह आज लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुके हैं। चलिए पोस्ट के माध्यम से उनके जीवन पर एक बार नजर डाल लेते हैं।
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शुरुआती जिंदगी रही है काफी संघर्ष भरी
narayana murthy early life: दोस्तों क्या आप सभी को पता है कि नारायण मूर्ति जो आज करोड़ों की कंपनी के मालिक है, इनका बचपन आर्थिक तंगी में गुजारा है। इनका जन्म 20 अगस्त 1946 को कर्नाटक में हुआ था। यह अपने परिवार की आठ संतानों में से पांचवें नंबर पर थे। इनके पिताजी का काम ज्यादा अच्छा नहीं था। इसलिए आर्थिक स्थिति भी बढ़िया नहीं थी।
नारायण मूर्ति को हमेशा से पढ़ाई करने का शौक था और वह पढ़ाई में हमेशा से ही अव्वल रहे हैं। वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे। नारायण मूर्ति ने आईआईटी की प्रवेश परीक्षा के लिए खूब मेहनत की और आईआईटी प्रवेश परीक्षा को पास कर लिया।
इनके पिताजी के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह इन्हें इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवा सके। इसलिए इन्होंने पढ़ाई करने के लिए कर्ज लिया था और मैसूर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कृष्णमूर्ति जी के द्वारा इनकी मदद की गई थी। तब जाकर इन्होंने आईआईटी की पढ़ाई शुरू की थी।
साल 1967 में इन्होंने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग मैसूर यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। साल 1969 में इन्होंने आईआईटी कानपुर से एमटेक की डिग्री हासिल की।
छोटी नौकरी से की थी करियर की शुरुआत
Narayana Murthy First Job: अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नारायण मूर्ति को जोब की तलाश थी। साल 1970 में इन्होंने पाटनी कंप्यूटर्स में असिस्टेंट मैनेजर की नौकरी शुरू कर दी थी। शुरू से ही यह कुछ बड़ा करना चाहते थे। इन्होंने इसलिए साल 1981 में अपनी नौकरी छोड़ दी थी और अपने छह दोस्तों के साथ मिलकर सॉफ्टवेयर बिजनेस शुरू किया।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब इंफोसिस के मालिक नारायण मूर्ति ने अपनी कंपनी की शुरुआत की थी, तो लगभग ₹10000 इन्होंने अपनी पत्नी से उधार लेकर कंपनी की शुरुआत की थी। 1983 में इंफोसिस कंपनी को बेंगलुरु से एक क्लाइंट मिला था। यहीं से इंफोसिस कंपनी ने अपनी नई उड़ान भरनी शुरू कर दी थी।
साल 1981 से 2002 तक जो सफर रहा वह नारायण मूर्ति के लिए आसान नहीं था। इन्होंने अपनी कंपनी को बड़ी कंपनियों को टक्कर देने के लिए काफी ज्यादा मेहनत की थी और यही वह समय था, जब नारायण मूर्ति को बड़ी से बड़ी कंपनियों से Contract मिलने लगा। सिर्फ भारत की ही कंपनी नहीं विदेशों की कंपनी से भी इंफोसिस कंपनी को प्रोजेक्ट मिलने लगे।
इंफोसिस कंपनी आज किस मुकाम पर है, यह तो हम सभी जानते ही हैं। जब भी भारत की टॉप आईटी कंपनियों का नाम आता है, तो इंफोसिस कंपनी टॉप 10 में शामिल होती है।
कभी टॉयलेट भी साफ किया करते थे
दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी कि नारायण मूर्ति ने हाल ही में ही एक इंटरव्यू दिया था । उस इंटरव्यू में इन्होंने बताया कि वह अपने घर के टॉयलेट भी साफ किया करते थे। इन्होंने बताया कि इंसान चाहे कितना ही बड़ा क्यों ना हो जाए, लेकिन उसे हमेशा सादगी से जीवन जीना चाहिए। बहुत अमीर फैमिली ऐसी होती है, जो अपने घर का टॉयलेट साफ करने में अपने आप को छोटा समझते हैं।
लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। नारायण मूर्ति अपने घर का टॉयलेट भी खुद साफ किया करते थे। अब आप इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकते हैं कि यह कितनी बड़ी शख्सियत है। आज हमने आपको इस पोस्ट के माध्यम से इंफोसिस के मालिक नारायण मूर्ति के जीवन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है। कैसे इन्होंने जीरो से अपना सफर शुरू किया था और आज यह 69000 करोड़ कंपनी के मालिक है।
आज नारायण मूर्ति लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है। कैसे आर्थिक तंगी को पीछे छोड़ते हुए इन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और अपने ऊपर भरोसा रखकर बिजनेस शुरू किया। आज भारत के कोने-कोने से युवा इनकी कंपनी में नौकरी करते हैं। उम्मीद करते हैं कि आपको इनकी जीवनी पढ़कर अच्छा लगा होगा और आपको भी अपने जीवन में कुछ करने की प्रेरणा मिली होगी। इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर अन्य लोगों के साथ भी शेयर करना ताकि उन्हें भी ऐसी प्रेरणादायक स्टोरी पढ़ने का मौका मिल सके।