घर पर इस तरह से करें मां सरस्वती की पूजा, मिलेगा सुख-समृद्धि का लाभ
वर्ष के माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा पूरे भारतवर्ष में पूरे विधि विधान से की जाती हैं। और इस दिन से ही बसंत ऋतु की शुरुआत होती हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस पर्व को फरवरी माह में मनाया जाता हैं। माना जाता हैं, की मां सरस्वती विद्या की देवी हैं इसलिए इस दिन विद्या की पूजा का महत्व हैं। और इस दिन मां सरस्वती की पूजा को करना विशेष फलदायी माना जाता हैं। तो चलिए जानते है घर में ही मां सरस्वती की विधिवत पूजा कैसे करी जाती हैं। मां सरस्वती की पूजा के लिए सबसे पहले शुभ मुहूर्त को देखा जाता है। और तत्पश्चात पूजा करी जाती हैं।
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मां सरस्वती की पूजा में लगने वाली सामग्री की लिस्ट
- सफेद तिल के लडडू
- सफेद धान के अक्षत
- पान सुपारी
- घी का दीपक
- कुमकुम या हल्दी
- तुलसीदल
- मां सरस्वती की की मूर्ति
- रोली
- लकड़ी की चौकी
- आप के पत्ते
- पीले वस्त्र
- पीले फूल
- मौसमी फल
- नारियल
- गुड
- भोग के लिए बूंदी के लड्डू या पीले मीठे चावल
बसंत पंचमी व्रत विधि
बसंत पंचमी के लिए स्वच्छ सात्विक रूप से व्रत विधि का विधान माना जाता है। इस दिन सबसे पहले प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर ले इसके बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें फिर घर के मंदिर की साफ सफाई करें, प्रत्येक चीज को अच्छे से साफ करके गंगाजल का छिड़काव करे मां सरस्वती की पूजा करके व्रत का संकल्प करें और पीले चावल का भोग लगाए तत्पश्चात अपना व्रत का प्रारंभ करें पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पीला रंग मां सरस्वती को अति प्रिय है। पीले रंगों को समृद्धि, ऊर्जा, प्रकाश और आशावाद का प्रतीक माना जाता है इसलिए मां सरस्वती को इस दिन पीले रंग का भोग, फूल, वस्त्र आदि चढ़ाया जाता है।
पूजन विधि
सबसे पहले आप माता की चौकी स्थापित करें जिस पर पीले रंग के वस्त्र को बिछाए फिर उसके ऊपर मां सरस्वती को स्थापित करें मां सरस्वती को हल्दी, चंदन, केसर, का तिलक लगाए पीले रंग के फूल चढ़ाए और पीले ही रंग का भोग भी चढ़ाए जिसमें पीले मीठे चावल या बूंदी के लड्डू हो सकते हैं। पीले फूलों से मां सरस्वती का श्रृंगार करें विधिवत उनकी पूजा अर्चना करें परंतु एक बात याद रखें की मां सरस्वती की पूजा करने से पहले गणेश जी की पूजा जरूर करें, वैदिक शास्त्रों के अनुसार शिक्षा में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आप मां सरस्वती के यंत्र को भी स्थापना करें क्योंकि यह उत्तम माना जाता है, कहते हैं कि इससे मां सरस्वती की आप पर विशेष कृपा बनी रहती है। विद्या की संपूर्ण चीजों को मां सरस्वती के सामने रखकर इनकी भी पूजा करें तत्पश्चात मां सरस्वती की पूजा करने के बाद ओम श्री मां सरस्वती नमः के साथ हवन में आहुति दे और हवन पूर्ण हो जाने के बाद प्रसाद ग्रहण करें और प्रसाद को सभी को वितरण करें।