Data Leak – Data of 75 crore Indians is available for Rs 2.5 lakh, is your name also there?
Data Leak – इंटरनेट पर बड़े पैमाने पर भारतीय लोगों का महत्वपूर्ण डाटा लीक हो चुका है। हालांकि डाटा लीक में सिर्फ इंडियन लोगों का ही डाटा शामिल नहीं है, बल्कि अन्य देशों के महत्वपूर्ण डाटा भी इसमें शामिल है। जानकारी के अनुसार मदर ऑफ ऑल लीक कहे जा रहे इस डाटा लीक की 332 करोड़ डाटा एंट्री है। इस डाटा लीक में 75 करोड़ भारतीयों का डाटा भी शामिल है।
इंटरनेट से प्राप्त जानकारी के अनुसार डाटा लीक का टोटल स्टोरेज 12 टेराबाइट है जिसमें से तकरीबन 1.8 टेराबाइट में 75 करोड़ भारतीयों के मोबाइल नंबर, घर का एड्रेस और आधार की इनफार्मेशन भी शामिल है। डार्क वेब पर इंडियन डेटा की बिक्री करने वाले साइबो डेविल के द्वारा कहा गया है कि कंप्रेस करने के पश्चात 600 GB में इस डाटा को अवेलेबल करवाया जा सकता है। इस डाटा सेट के लिए साइबर डेविल के द्वारा तकरीबन $3000 की डिमांड की गई है। $3000 को यदि भारतीय करेंसी में कन्वर्ट किया जाता है तो यह तकरीबन ढाई लाख रुपए के आसपास में हो जाती है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार एमओएबी को अंजाम देने वाले साइबर क्रू के पार्टनर साइबर डेविल और यूनिट 8200 में बिक्री के लिए जिस डेटाबेस को प्रेजेंट किया है वह इंडियन मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी से संबंधित है। अगर साइबर अपराधियों के दावे को सही माना जाए तो देश में पचासी परसेंट जनसंख्या का डाटा सिर्फ ढाई लाख रुपए में बिक्री के लिए होना साइबर सिक्योरिटी के साथ ही साथ संपूर्ण सिक्योरिटी के अंतर्गत रिस्क उत्पन्न कर सकता है।
डाटा सुरक्षा पर सवाल
इतने बड़े पैमाने पर इंडियन यूजर का डाटा लीक होना देश की सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों की डाटा सिक्योरिटी पर सवाल पैदा करता है। हालांकि फिलहाल इस बारे में कुछ भी कहना सही नहीं होगा कि, आखिर Data कौन सी जगह से और किस प्रकार लीक हुआ है, परंतु ऐसा माना जा रहा है कि यह डाटा इसलिए लीक हुआ क्योंकि कंपनियों के द्वारा जो केवाईसी करवाई जा रही है उसका डाटा ऑनलाइन उपलब्ध रहता है।
खतरे में पड़ सकती है लोगों की सुरक्षा
लोगों के द्वारा डिमांड की जा रही है कि, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर और गवर्नमेंट को जल्द से जल्द इस डाटा लीक का वेरिफिकेशन करना चाहिए और डाटा स्टोरेज तथा सिक्योरिटी से संबंधित जो भी कमी है, उन्हें आईडेंटिफाई करना चाहिए और उसमें सुधार करना चाहिए, साथ ही साइबर क्रिमिनल से भी निपटने के लिए उचित इंतजाम सरकार को करने चाहिए। लोगों को यह आशंका है कि, इस डाटा लीक की वजह से आने वाले कुछ ही समय में ऑनलाइन साइबर क्राइम में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है, जिसमें मुख्य तौर पर लोगों के बैंक अकाउंट से पैसा चुराना शामिल हो सकता है।