DeepFake: क्या है यह बला, जिससे आधी दुनिया हो गई है परेशान, विस्तार से जानें
DeepFake in hindi – आजकल इंटरनेट पर डीपफेक की काफी ज्यादा चर्चा हो रही है। वैसे तो यह एक बढ़िया टेक्नोलॉजी है, जिसका इस्तेमाल अच्छा काम करने के लिए किया जाता है, परंतु शातिर लोगों के द्वारा इसका इस्तेमाल किसी को बदनाम करने के लिए या फिर अफवाह बनाने के लिए भी किया जा रहा है। इसका इतने बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हो रहा है कि, खुद प्रधानमंत्री मोदी जी को भी इस पर सामने आकर अपनी बात रखनी पड़ी और कंपनियों से यह कहना पड़ा कि, वह इस प्रकार की टेक्नोलॉजी के द्वारा बनाए गए फोटो या वीडियो को पहचानने के लिए पॉवरफुल टूल निर्मित करें।
क्या है डीपफेक टेक्नोलॉजी
सामान्य भाषा में समझा जाए, तो यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसका इस्तेमाल किसी दूसरी फोटो/वीडियो पर किसी भी सेलिब्रिटी के चेहरे को लगाने के लिए किया जा सकता है। डीपफेक टेक्नोलॉजी के माध्यम से जो फोटो और वीडियो तैयार किया जाता है, वह बिल्कुल असली लगता है।
इसलिए लोग आसानी से इस प्रकार की फोटो और वीडियो पर भरोसा कर लेते हैं। इस टेक्नोलॉजी के द्वारा ऐसे एल्गोरिथम और पैटर्न को लर्न किया जाता है, जिसका इस्तेमाल मौजूदा फोटो अथवा वीडियो में बदलाव करके उसे और भी ज्यादा रियल बनाने के लिए कर सकते हैं।
ऐसे कर सकते हैं डीपफेक की पहचान
अगर आपको लगता है कि स्क्रीन पर आने वाला कोई वीडियो या फिर फोटो डीप फेक है तो इसे पहचानने के लिए आपको उसमें जो महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं उस पर फोकस करने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार के जो वीडियो होते हैं, उसमें आपको हाथ और पैर की मूवमेंट पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
कई ऐसे प्लेटफार्म है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जेनरेटेड कंटेंट के लिए वाटर मार्क या फिर डिस्क्लेमर को शामिल करते हैं, जिससे यह पता चल जाता है कि, कंटेंट का निर्माण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से किया गया है। इसलिए आपको हमेशा इस प्रकार के निशान या फिर डिस्क्लेमर को जरूर ही चेक करना चाहिए।
इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का कर सकते हैं इस्तेमाल
वर्तमान में इंटरनेट पर आपको ऐसे बहुत सारे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल मिल जाते हैं, जिनके माध्यम से सरलता से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा बनाए गए कंटेंट को पकड़ा जा सकता है। आप चाहे तो AI or Not और Hive Moderation जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जेनरेटेड कंटेंट का पता आसानी से लगा लेते हैं। यदि आप किसी भी फोटो या वीडियो के बारे में यह जानना चाहते हैं कि, वह डीप फेक है या नहीं, तो इसके लिए Deepware Scanner जैसे टूल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। जाते-जाते आपको यह भी बता देना चाहते हैं कि, उपरोक्त टूल के अलावा भी जब आप इंटरनेट पर सर्च करेंगे, तो आपको बहुत सारे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से जो कंटेंट बनाया गया है, उसका पता लगाने वाले टूल मिल जाएंगे।