Guru Gobind Singh Jayanti 2024 – गुरु गोबिंद सिंह सिक्खों के दसवें एवं अंतिम गुरु थे इसलिए गुरु गोबिंद सिंह जयंती सिक्खों के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस वर्ष गुरु गोबिंद सिंह जी की 357वीं जयंती 17 जनवरी को मनाई जायेगी। आईये जानते है गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन परिचय के बारें में साथ ही जानेंगे गुरु गोबिंद सिंह जयंती पर्व का महत्व:
गुरु गोबिंद सिंह का जन्म कब और कहाँ हुआ?
गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर 1666 को पटना में हुआ था। उनके पिता श्री गुरु तेगबहादुर थे जो सिक्खों के नौवें गुरु थे वहीं उनकी माता का नाम गुजरी देवी था। गुरु गोबिंद सिंह जी ने बहुत ही कम आयु में संस्कृत और फारसी भाषा पर अपनी पकड़ बना ली थी साथ ही उनके कहने पर उनके पिता ने कश्मीरी पंडितों का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन रोकने के लिए बलिदान भी दिया था।
क्यों है गुरु गोबिंद सिंह जयंती सिक्खों के लिए इतनी खास?
प्रत्येक वर्ष गुरु गोबिंद सिंह जयंती को सिक्ख लोग बड़े ही उत्साह से मनाते है। इस पर्व को गुरु गोबिंद सिंह प्रकाश पर्व का नाम भी दिया गया है। गुरु गोबिंद सिंह ने समाज कल्याण और अध्यात्म के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया था। उनमें देश प्रेम की भावना बहुत ही गहरे स्तर तक निहित थी साथ ही वे देश के लिए किसी भी तरह का त्याग करने को सदैव तत्पर रहते थे।
वे सिक्खों के अंतिम गुरु थे इसलिए ये पर्व सिक्ख समुदाय के लोगों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार होता है। गुरु गोबिंद सिंह एक बहुत ही साहसी और निडर योद्धा थे जिन्होंने सत्य की रक्षा के लिए अपना पूरा जीवन न्यौछावर कर दिया। इस दिन सभी लोग गुरु गोबिंद सिंह जी के द्वारा दिया गए उपदेश एवं शिक्षाओं को ध्याणपूर्वक पढ़ते और समझते है साथ ही बाकि लोगों को उनकी शिक्षाओं के बारें मे जागरूक भी करते है।
इस वर्ष कब मनाई जायेगी गुरु गोबिंद सिंह जयंती?
इस वर्ष गुरु गोबिंद सिंह जयंती का प्रकाश पर्व 17 जनवरी 2024, दिन बुधवार को मनाया जायेगा। तिथि के अनुसार सप्तमी तिथि 16 जनवरी 2024 को रात्रि 11:57 से शुरू हो जायेगी जो 17 जनवरी 2024 की रात 10:06 बजे तक रहेगी। इस वर्ष सिक्ख समुदाय के लोग गुरु गोबिंद सिंह जी की 357वीं जन्म वर्षगांठ मनायेंगे जिसके लिए तैयारियां जोरों-शोरों से प्रारंभ हो चुकी है।
क्या थी गुरु गोबिंद सिंह जी की मुख्य शिक्षाएं?
गुरु गोबिंद सिंह जी हमेशा सत्य की रक्षा के लिए तत्पर थे उनके दिये गए उपदेश किसी भी भटके हुए मन या चेतना को एक सही दिशा और गति देने में सक्षम है। उन्होंने हमेशा असहाय और कमजोर वर्ग की मदद की थी और वे कहते थे की कभी भी हमें अपनी शक्तियों का इस्तेमाल असहाय या निर्दोष लोगों पर नहीं करना चाहिए।
वे हमेशा मनुष्य और प्रकृति के बाकी प्राणियों के बीच एक प्रेम और दया का रिश्ता रखने की बात कहते थे। उन्होंने अपनी शिक्षाओं में दान को भी काफी ऊँचा स्थान दिया है, उनका कहना था की सभी को अपनी कमाई का एक दसवां हिस्सा जरुरतमंदों की सहायता के लिए दान करना चाहिए।
आइये जानते है गुरु गोबिंद सिंह जी की प्रमुख रचनाओं के बारे में?
गुरु गोबिंद सिंह ने समाज एवं विश्व कल्याण के लिए कई रचनाएँ की थी जो लोगों को आज भी सही मार्गदर्शन देने का काम करती हैं। गुरु गोबिंद सिंह जी ने निम्न रचनाएँ की जैसे: जाप साहिब, बचित्र नाटक, खालसा महिमा, अकाल उत्सतत, चंडी चरित्र आदि। इन रचनाओं ने कई पीढ़ियों को नई राहें दिखाईं साथ ही समाज में एक बहुत ही सकारात्मक परिवर्तन भी देखा गया।