गणतंत्र दिवस भाषण हिंदी में
हुआ लागू जब संविधान,
मिली हमें एक नई पहचान,
तब हुआ एक सशक्त, समृद्ध और आत्म निर्भर भारत का निर्माण….
आदरणीय डायरेक्टर सर, प्रिंसिपल सर, सभी शिक्षकगण एवं मेरे सहपाठियों, आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आज हम सभी देश का 75वां गणतंत्र दिवस मनाने उपस्थित हुएं है। मैं आपको बता दूं की ये वो गौरवनीय दिन है जिस दिन हमारा भारतीय संविधान लागू हुआ था। जिसका अर्थ था की देश उस दिन से एक संविधान के तहत चलेगा जिसके अंतर्गत प्रत्येक नागरिक को कुछ अधिकार प्राप्त होंगे साथ ही उन्हें कुछ कर्तव्यों का निर्वाहन भी करना होगा।
भारत का संविधान एक लंबी प्रक्रिया के बाद बन कर तैयार हुआ था। भारत के संविधान को बनने में 2 साल 11 महीने 18 दिन का समय लगा था जिसमें डॉ. भीमराव अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, सरोजिनी नायडू एवं डॉ. राजेंद्र प्रसाद आदि ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इतने बड़े देश चलाना साथ ही प्रत्येक नागरिक के अधिकारों की रक्षा करना बिना संविधान के संभव नहीं था।
अब मैं संविधान के बनने की प्रक्रिया पर प्रकाश डालना चाहूंगा, संविधान निर्माण की प्रक्रिया में पहला महत्वपूर्ण कदम मोतीलाल नेहरू के नेतृत्व में सन् 1928 में उठाया गया। जिसमें कई प्रमुख लोग जैसे जवाहरलाल नेहरू एवं सुभाष चंद्र बोस आदि शामिल थे। सन् 1946 में संविधान बनाने हेतु डॉ भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में संविधान सभा का गठन किया गया। 26 नवंबर 1949, को संविधान सभा ने संविधान को अपनाया था और 26 जनवरी 1950 को ये संविधान पूरे देश में लागू किया गया था।
जहां एक तरफ हमारे स्वतंत्रता सैनानी देश की आज़ादी के लिए लड़ाई लड़ रहे थे वहीं दूसरी तरफ़ ये बड़ा सवाल था की आजाद होने के बाद इतने बड़े देश को चलाया कैसे जाए साथ ही क्या नियम बनाएं जाएं जिसे सब माने और एकजुट होकर रहें, कुछ इन्ही विचारो से जन्म हुआ- हमारे संविधान का, जिसने सभी को समान अधिकार प्रदान किए।
26 जनवरी का ये दिन भारत के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है, इस दिन भारत को एक लोकतंत्र के रूप में पहचान मिली साथ ही देश में चुनाव, न्यायपालिका से लेकर नये कानून बनाने तक हर चीज के लिए अब एक व्यवस्थित प्रक्रिया थी इसलिए हर साल इस सम्माननीय पर्व को देशभर में धूम धाम से मनाया जाता है, नई दिल्ली में इसकी शुरूआत प्रधानमंत्री द्वारा अमर जवान ज्योति को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद परेड से होती है जिसके पश्चात सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं सैन्य प्रदर्शन का आयोजन किया जाता है। भारत के विभिन्न राज्यों की झांकी निकाली जाती है, जिसमें भारत की सैन्य ताकतें एवं ‘विविधता में एकता’ बहुत ही प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत की जाती है तथा इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने दूर-दूर से लोग आते है।
देश का संविधान लागू होने के बाद भी देश के सामने कई चुनौतियाँ थी क्योंकि देश को आजाद हुए सिर्फ 2 वर्षों का समय हुआ था हालाँकि तत्कालीन सरकारों ने काफी बेहतर ढंग से प्रयास किये और देश सुचारु ढंग से चलने लगा। हालाँकि देश के सामने आज भी कई बड़ी चुनौतियाँ जैसे बेरोजगारी, भृष्टाचार, आतंकवाद, गरीबी, नक्सलवाद, अशिक्षा आदि हैं जिसका हम सभी देशवासियों को एकजुट होकर सामना करना होगा।
26 जनवरी के इस पर्व पर मैं फिर एक बार आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ साथ ही सभी से आग्रह करता हूँ की हमें इस मिट्टी का कर्ज चुकाने हेतु, देश की बेहतरी के लिए हमें लगातार प्रयासरत रहना चाहिए।
मैं कुछ पंक्तियों के साथ अपने इस भाषण को विराम देना चाहूंगा,
जहाँ सत्य और प्रेम का प्रकाश है,
जिसका गौरवशाली इतिहास है,
ऐसा वतन है मेरा;
जहाँ चेतना का स्वर्णिम विकास है..!
धन्यवाद,
जय हिंद, जय भारत